Disability Certificate या UDID Card यानी की दिव्यांग सर्टिफिकेट क्या है?
दिव्यांग सार्टीफिकेट एक प्रकार का सरकारी डाॅक्यूमेंट है, जो किसी व्यक्ति को तब प्रदान किया जाता है जब कोई व्यक्ति शारीरीक या मानसिक या बौद्धिक रूप से दिव्यांग (विकलांग) हो। इसे Disability Certificate या UDID Card भी कहा जाता है। यह सार्टिफिकेट रहने से बहुत सारी फायदा होती है। चाहे कोई सरकारी योजना हो, या आप सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हों। चाहे आप कहीं यात्रा हीं क्यों न कर रहे हो, दिव्यांग व्यक्ति को सभी चिजों में काफी छूट मिल जाती है। और मिलना भी चाहिए। सिर्फ उन्हें हीं मिलती है, जिनके पास सार्टीफिकेट वर्त्तमान में है।
दिव्यांग सार्टिफिकेट की आवश्यकता क्यों है?
सरकारी योजनाओं का लाभ
दिव्यांगजनों के लिए कई तरह के सरकारी योजनाएं चल रही है, जिसमें की ट्राईसाईकिल योजना, स्कॉलरशीप, फ्री शिक्षा, राेजगार सहायता राशी और भी बहुत कुछ। इन सभी का लाभ सिर्फ वहीं कंडीडेट ले सकते हैं, जो दिव्यांग हैं और उनके पास दिव्यांग सार्टीफिकेट बनी हुई है।
आरक्षण और नौकरीयों में छूट
सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ केवल उन्हीं अभीयर्थीयों को मिलता है, जिनके पास सरकार द्वारा मान्यताप्राप्त दिव्यांग सार्टीफिकेट है।
शिक्षा और छात्रवृत्ति में लाभ
स्कूलों और कॉलेजों में या फिर किसी भी सरकारी शिक्षण संस्थान में दाखीले लेने में और छात्रवृत्ति में दिव्यांगजनों काे विशेष छूट प्रदान की जाती है।
विकलांगता यानी की दिव्यांगता के प्रकार
दिव्यांगता व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम 2016 में कुुल 21 प्रकार की दिव्यांगता की प्रकार निर्धारित की गई है।
- दृष्टिहीनता
- अल्प दृष्टि
- कुष्ठ रोग
- श्रवण दोष
- चलन संबंधी दिव्यांगता
- बौनापन्न
- बौद्धिक
- मानसिक बीमारी
- ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर
- सेरिब्रल पाल्सी
- अन्य विशिष्ट स्थितियां
विकलांगता की गंभीरता: प्रमाण पत्र में विकलांगता का प्रतिशत भी लिखा हुआ रहता है। अधिकत्तर सरकारी सुविधाओं का लाभ लेने के लिए कम से कम 40 प्रतिशत या इससे अधिक की बेंचमार्क विकलांगता आवश्यकता होती है। यदी इससे कम की विकलांगता है तो बहुत सारी सुविधाओं का लाभ आपको नहीं मिल पायेगा।
विकलांगता की स्थायीता: यह स्पष्ट किया जाता है कि दिव्यांगता स्थाई है या अस्थाई।
वैधता की अवधी: स्थाई विकलांगता के मामले में आजीवन वैध दिव्यांग प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है, जबकि अस्थाई विकलांगता होने पर 5 वर्षों के लिए दिव्यांग प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है।
कौन बनवा सकता है दिव्यांग प्रमाण पत्र?
सिर्फ वही व्यक्ति दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवा सकता है जिसकी विकलांगता कम से कम 40 प्रतिशत या उससे अधीक हो।
पात्रता मानदंड
- भारतीय नागरीक होना चाहिए।
- वैध पहचान पत्र और निवास प्रमाण पत्र होना चाहीए।
- किसी भी प्रकार की स्थाई या अस्थाई विकलांगता होनी चाहिए।
यदी ये सभी चीजें का पालन कर रहा है तो वह व्यक्ति दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने के लिए सक्षम है।
Disability Certificate यानी की दिव्यांग सर्टिफिकेट के प्रकार
- अस्थाई दिव्यांग प्रमाण पत्र- यह 1-5 वर्षों के लिए मान्य होता है और उनके लिए है जिनकी विकलांगता स्थाई नहीं है।
- स्थाई दिव्यांग प्रमाण पत्र- यह आजीवन के लिए प्रदान किया जाता है, जब विकलांगता का ईलाज संभव नहीं हो।
दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया
ऑफलाईन प्रक्रिया
- नजदीकी सरकारी अस्पताल जाएं
- संबंधीत विभाग से संपर्क करें व फॉर्म लें
- फॉर्म भरें और डॉक्यूमेंट अटैच करें
- मेडिकल के लिए बुलाने पर वहां उपस्थित हों
- सत्यापन के बाद सार्टीफिकेट जारी हो जाता है
ऑनलाईन प्रक्रिया (UDID पोर्टील के माध्यम से)
दिव्यांग सर्टिफिकेट
- www.swavlambancard.gov.in पर जाएं।
- “Apply for Disability Certificate” पर क्लिक करें।
- सभी मांगी गई जानकारी भरें।
- दस्तावेज अपलोड करें।
- मेडिकल बोर्ड से समय लें।
- आपका मेडिकल जांंच हो जाने के बाद दिव्यांगता सार्टीफिकेट जारी किया जायेगा।
आवश्यक दस्तावेजों की सूची
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- विकलांगता संबंधित मेडिकल रिपोर्ट
- मोबाईल नंबर और ईमेल आई डी
दिव्यांग प्रमाण पत्र से संबंधीत कोई भी सवाल हो तो कृप्या हमें कमेंट करें।